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ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर योगी सरकार को कोर्ट ने दिया झटका, अब 2015 के आधार पर जारी होगा आरक्षण





लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों (UP Panchayat Elections) में आरक्षण लिस्ट (Reservation List) को लेकर चल रही संदेह की स्थिति पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खण्डपीठ (Lucknow Bench) ने अपना रुख साफ़ कर दिया है।


  कोर्ट के फैसले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने 2015 को आधार वर्ष मानकर ही आरक्षण की रोटेशन पालिसी को लागू करने का निर्देश दिया है। अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव में थोड़ी देरी अवश्य होगी, गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट द्वारा 24 अप्रैल 2021 तक चुनाव करवाने का आदेश जारी किया गया था। 

 आज अपने फैसले में हाईकोर्ट ने 25 मई 2021 तक नई व्यवस्था के तहत पंचायत चुनाव करवाने का भी निर्देश दिया है। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कई ग्राम पंचायतों के समीकरण भी बदल जाएंगे। 

  हाई कोर्ट ने अजय कुमार की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 2015 को आरक्षण का आधार वर्ष मानकर ही काम पूरा किया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग दोनों को यह आदेश जारी कर दिया।

 इससे पहले उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने अदालत में स्वयं कहा कि वह 2015 को आधार वर्ष मानकर त्रिस्तरीय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए स्वयं तत्पर है। यह तथ्य सामने आने के बाद अदालत ने पंचायत चुनाव को 25 मई 2021 तक पूरा करने के आदेश दिए हैं।