इमरान प्रतापगढ़ी ने किया गौरक्षकों द्वारा मारे गये पहलू खान की मां की मदद का ऐलान
उन्होंने देश के तमाम लोगों से भी पहलू खान के परिवार की मदद करने के लिए आगे आने की गुजारिश करते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि
"सरकार ने कोई मदद नहीं की है अब तक इस परिवार की, परिवार बहोत बडा है, घर की हालत बेहद ख़राब है, कमाने वाला कोई नहीं, आप सबसे गुज़ारिश है कि पहलू के परिवार की मदद के लिये हाथ आगे बढाइये !"
इमरान प्रतापगढ़ी ने पहलू खान की 85 वर्षीय दोनों आंख से अंधी मां की एक तस्वीर भी डाली है और बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि
शर्मिंदा हूँ समाज की मरती हुई इंसानियत पर, अफसोस कि समाज के सारे ठेकेदार चुप हैं !
इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने दर्द को शायरी में कुछ इस तरह से जाहिर किया है।
ऑंसुओं संग सबको सुनानी है ये !
ख़ुशनसीबी कहूँ, बदनसीबी कहूँ,
मुझको अफ़सोस मेरी ज़ुबानी है !
इस बुझी ऑंख के जुगनुओं के लिये,
इसके सूखे हुए ऑंसुओं के लिये !
सिर्फ अलवर के पहलू का क़िस्सा नहीं,
मेरे ऑंसू हैं सब पहलुओं के लिये !
एक रोती बिलखती हुई अंधी मॉं,
इस बुढापे में उसका सहारा गया !
गाय माता का जयकार करते हुए,
गर्व से मौत के घाट उतारा गया !!