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राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेंद्र चंद्र शर्मा ने कहा मोर कभी सेक्स नहीं करता, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाये




राजस्थान जज





जयपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा ने एक फैसले में कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गौहत्या करने वालों को आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए।

आज ही (बुधवार 31 मई) सेवानिवृत्त हुए न्यायधीश ने फैसला सुनाने के बाद कहा कि इस मामले पर उनका फैसला ‘आत्मा की आवाज’ है और ‘गौ हत्या से जघन्य कोई अपराध नहीं है, उनके इस फैसले की चर्चा पूरे देश में हो रही है।

मीडिया से बातचीत के दौरान न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मोर को राष्ट्रीय पक्षी इस लिए कहा जाता है क्योंकि मोर ब्रह्मचारी होता है, वह कभी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता, मोर के आंसुओं से मोरनी गर्भवती होती है तब जाकर एक मोर अथवा मोरनी का जन्म होता है। मोर पंख का उपयोग भगवान् श्रीकृष्ण ने भी किया था। मोर के ब्रह्मचारी होने के कारण ही आज भी उसका पंख मंदिरों में लगाया जाता है, तथा साधु संत इसका उपयोग करते हैं। गाय में भी बहुत सारे गुण है, इसलिए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए।

न्यायाधीश महेंद्र चंद्र शर्मा ने नेपाल का हवाला देते हुए कहा कि नेपाल एक हिन्दू राष्ट्र है और उसने भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर रखा है। भारत मुख्य रूप से कृषिप्रधान देश है जो पशुपालन पर आधारित है। अनुच्छेद 48 और 51ए (जी) के अनुसार राज्य सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि उसे इस देश में गाय की कानूनी पहचान के लिये कदम उठाना चाहिये।


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