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करोड़ों का वारिस बाबा राम रहीम कानून के सामने जब रोकर मांगने लगा माफी की भीख






डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को आखिरकार 15 साल पुराने रेप केस के मामले में आज सोमवार (28अगस्त) को सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। बाबा राम रहीम पर धारा 376,511 और 506 के तहत सजा दी गई है. इस मामले में राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने 25 अगस्त को ही दोषी करार दे दिया था लेकिन सजा 28 अगस्त को सुनाई गई है। 



जगह-जगह बाबा के समर्थकों की भीड़ जमा होने और सुरक्षा के मद्देनजर रोहतक जेल के अंदर ही एक विशेष कोर्ट बनाया गया था. मामले में फैसला सुनाने के लिए मुख्य न्यायाधीश जगदीप सिंह स्पेशल हेलीकॉप्टर से जेल पहुंचे थे।  केस पर दोनों पक्षों के वकीलों को न्यायाधीश जगदीप सिंह के सामने अपना अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया.

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बचाव पक्ष के वकील ने राम रहीम का बचाव करते हुए जज से कहा कि राम रहीम एक समाज सेवी हैं. वह कई अनाथ बच्चों को संभालते है, सेना के लिए रक्तदान भी कर चुके हैं, और उन्होंन कई जन कल्याण संबंधित कार्य किए हैं यदि वह जेल चले गए तो अनाथ बच्चों का पालन-पोषण मुश्किल में पड़ जाएगा, वकील ने सेहत का भी हवाला देते हुए रिक्वेस्ट किया कि इनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है लिहाजा इसबात का संज्ञान लेते हुए नरमी बरती जानी चाहिए।

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वहीं सीबीआई वकील इस बात पर अडिग रहा कि बाबा राम रहीम को उम्रकैद की सजा होनी चाहिए, क्योंकि  जिस समय शिकायत कर्ता साध्वियों के साथ रेप केस हुआ था उस वक्त वो दोनों नाबालिग थीं। सीबीआई वकील द्वारा रेप के दोषी राम रहीम के लिए अधिकतम सजा की मांग की गई थी।


सुनवाई के दौरान बाबा गुरमीत फूट-फूटकर रोने लगे और रोते रोते कहा जज साहब मुझपर रहम कीजिए, लेकिन जज ने उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया. न्यायाधीश जगदीप सिंह ने जैसे ही मामले पर फैसला पढ़ना शुरू किया बाबा राम रहीम जोर जोर से 7 साल, 7 साल बोलने लगे। यानी केस में वह ज्यादा से ज्यादा 7 वर्ष की सजा देने की मांग कर रहे थे। जबकि जज ने अपने फैसले में अधिकतम 10 साल की सजा सुनाई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फैसला सुनते ही वह जमीन पर बैठ गए और कहीं न जाने की जिद पर अड़े रहे।



हरियाणा प्रशासन ने किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। जेल परिसर से लगभग दो किलोमीटर दूर ही राम रहीम के समर्थकों को रोक दिया गया था। तथा किसी प्रकार की गड़बड़ी करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए थे।


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