सीएजी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा : भारतीय रेलवे का खाना आदमियों के खाने लायक नहीं
यदि आप रेलवे में सफर करते हैं और सफर के दौरान आप रेलवे द्वारा परोसे जाने वाले खाने का इस्तेमाल करते हैं तो अब सावधान हो जाइए. क्योंकि रेलवे द्वारा परोसा जाने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है।खान-पान और साफ-सफाई को लेकर भारतीय रेलवे भले ही बड़े-बड़े दावे करता हो, लेकिन जमीनी हकीक़त इसके बिलकुल विपरीत है।
शुक्रवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( सीएजी ) की ओर से संसद में रखी गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर परोसी जा रही चीजें प्रदूषित हैं और डिब्बा बंद व बोतलबंद चीजों का उपयोग उस पर लिखी गयी एक्सपायरी तारीख के बाद भी किया जा रहा है।
▶️मुख्यमंत्री मनोहर पार्रीकर ने कहा गोवा में बीफ की कमी नहीं होने दी जायेगी
▶️संसद की कैंटीन के खाने में मिली मरी हुई मकड़ी, प्रधानमंत्री भी खाना खा चुके हैं यहाँ
सीएजी संयुक्त टीम द्वारा किये गये देश के 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों के सर्वे के बाद ऑडिट नोटिस में कहा गया है कि ट्रेन और स्टेशन दोनों पर साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। खाना बनाने के लिए अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस दौरान सीएजी ऑडिटर ने पाया कि खाना बनाने और परोसने के लिए स्वच्छता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता। खाना बनाने के लिए जो पानी का प्रयोग किया जाता है वह भी अशुद्ध होता है। यहां तक कि रेलवे में इस्तेमाल किए जाने डस्टबिन में ढक्कन नहीं पाया गया और डस्टबिन पूरी तरह से साफ भी नहीें होता। रेलवे द्वारा खाने को कीड़े-मकोड़े, चूहे, मक्खी और कॉकरोच इत्यादि से बचाने के लिए कोई पुख्ता उपाय नहीं किया जाता है।
सीएजी के रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं। मुआयने के दौरान रेलवे के किसी भी वेटरों और कैटरिंग मैनेजरों के पास बेची जाने वाली चीजों से जुड़ा मेन्यू और रेट कार्ड नहीं मिला। रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि रेलवे परिसरों में आम बाजार भाव की तुलना में यहां पर ज्यादा कीमतों पर चीजें बेची जा रही थी।