रिश्वत न मिलने पर एम्बुलेंस ने पत्नी का शव ले जाने से किया इंकार, स्ट्रेचर पर ले जाने को मजबूर हुआ पति
उत्तर प्रदेश में एक पति को अपनी गर्भवती पत्नी का शव स्ट्रेचर पर खींचकर ले जाने को मजबूर होना पड़ा।
इंसानियत को शर्मशार कर देने वाली रह घटना खुद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जिला की है।
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के करारी थानान्तर्गत गांव अहमदीपुर निवासी महेश की पत्नी मालती देवी गर्भवती थी। लेबर पेन शुरू होने पर उसे पास के सरकारी अस्पताल सराय अकील सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया।
अस्पताल में मालती पूरी रात दर्द से कराहती रही, महेश का आरोप है कि डॉक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। और सुबह होते ही मालती की हालत नाजुक बताते हुए जिला अस्पताल के लिये रेफर कर दिया।
पत्नी को जिला अस्पताल ले जाने के लिए महेश को घंटों इंतजार एवं जद्दोजहद के बाद एक सरकारी एम्बुलेंस मिली, जिस पर महेश अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल के लिए निकल गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, महेश के जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही मालती दम तोड़ चुकी थी।
महेश के मुताबिक उसकी पत्नी के शव को घर तक पहुंचाने के लिये सरकारी एंबुलेंस देने के लिये आठ सौ रुपये की रिश्वत मांगी। रुपये उसके पास नहीं थे, सो उसे दुत्कार दिया गया। फिर मजबूरन महेश आंखों में आंसू लिये पत्नी का शव स्ट्रेचर पर रखकर खींचते हुए घर के लिये निकल पड़ा।
इस नजारे को देखकर लोग दंग रह गए। किसी ने मीडिया को सूचना दे दी। मीडिया ने जब इस मामले में दखल दी और अस्पताल के चीफ मेडिकल सर्जन डॉ दीपक सेठ से सवाल किया तो पहले गोल-मोल जवाब देते नजर आये। फिर अस्पताल के लोग आनन-फानन में आधे रास्ते पहुंच चुके महेश को एंबुलेंस मुहैया कराई और उसकी पत्नी के शव को घर तक पहुंचाया गया।