पुनः शिक्षक बहाल न करने पर शिक्षामित्रों ने इस्लाम अपनाने की सरकार को दी धमकी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द करने के फैसले को सही ठहराए जाने के बाद से ही पूरे प्रदेश में कोर्ट के फैसले के खिलाफ जगह जगह धरना प्रदर्शन जारी है।
ज्ञात हो कि 12 सितंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए अपनी मुहर लगा दी। इस फैसले से राज्य के लगभग पौने दो लाख शिक्षा मित्र प्रभावित हुए हैं।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षामित्रों को थोड़ी सी राहत जरूर दी है यदि शिक्षामित्र सहायक शिक्षक के लिए आवश्यक अहर्ता टीईटी पास हैं या भविष्य में पास कर लेते हैं तो चयन प्रक्रिया में उन पर विचार किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आक्रोशित शिक्षामित्र पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं कई जगह प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों ने सड़क जाम करके जमकर नारेबाजी की. बुधवार को बहराइच - लखनऊ हाइवे मार्ग जाम कर दिया गया, जाम होने के कारण दोनो तरफ एक किलोमीटर तक वाहनों के लम्बी कतारें लग गई। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर नगर कोतवाली की पुलिस ने मौके पर पहुँचकर समझाने की कोशिश की लेकिन पुलिस की कोई बात नहीं मानी बल्कि प्रदर्शन के दौरान सभी शिक्षामित्र आक्रोशित होकर सड़क जाम करके सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
शिक्षामित्रों ने प्रतापगढ़ में इलाहाबाद फैजाबाद मार्ग पर चक्काजाम कर दिया है। जिसके कारण कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग चुका है। अम्बेडकर चौराहे पर हज़ारो की संख्या में एकत्रित शिक्षामित्रों ने हटने से इन्कार कर दिया. यहां प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये पीएसी को बुला लिया है। शिक्षामित्रों ने कहा कि यदि हमको पुनः बहाल नहीं किया गया तो हम पूरे परिवार के साथ इस्लाम अपना लेंगे। फिलहाल सड़क जाम के चलते पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास कर रही है।
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