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गोरखपुर बीआरडी मेडिकल हादसे की जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट, डाॅक्टर कफील खान को क्लीन चिट



u. p.



उत्तर प्रदेश : गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) अस्पताल में 48 घंटे के भीतर 36 बच्चों की हुई मौत की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, रिपोर्ट में जांच समिति ने माना कि बच्चों की मौत आॅक्सीजन की सप्लाई बाधित होने की वजह से हुई है।

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गोरखपुर जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को सौंप दी है, रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी 'पुष्पा सेल्स' और बीआरडी ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉ. सतीश कुमार को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।


राजीव रौतेला ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लिक्विड ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक बुक के देखरेख करने की जिम्मेदारी डॉक्टर सतीश ने ठीक से नहीं निभाई और स्टॉक बुक में ओवरराइटिंग भी की गई इसके अलावा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा और डॉक्टर सतीश कुमार समस्या की जानकारी दिए बिना अस्पताल छोड़कर चले गए।


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स को बकाया पैसों के भुगतान के लिए अस्पताल के खाते में 5 अगस्त को रकम जमा करा दी गई थी, इसके बावजूद अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से रकम को भेजने में देरी की गई, जबकि इन अधिकारियों को पहले से मालूम था कि भुगतान में लापरवाही बरतने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा, एचओडी एनेस्थीसिया डॉक्टर सतीश, मुख्य फार्मासिस्ट गजानन अग्रवाल का कामकाज असंतुष्ट पाया गया है।

ज्ञात हो कि 10 अगस्त को गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल में 48 घंटे के भीतर 36 बच्चों की मौत हो गई थी, प्रथम दृश्यता अस्पताल में आक्सीजन की कमी इसका मुख्य कारण बताया जा रहा था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से इंकार करते रहे, अब जांच समिति की रिपोर्ट आ जाने के बाद दोषियों पर किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी अभी तक कुछ नहीं बताया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को हादसे के लिए जिम्मेदार किसी व्यक्ति को न बख्शने का निर्देश पहले ही दे चुके हैं और समिति की रिपोर्ट से पहले ही मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को बर्खास्त कर दिया था, जबकि इंसेफ्लाइटिस वॉर्ड प्रभारी डॉक्टर कफील खान को हटा दिया था।